भरोसे की आत्मा मर गई
मौक़े का इंतजार है
रोज दिए जलाले भाई
जब घी में भ्रस्टाचार है।
खादी सफेद रहनुमा की
सफेद कुर्ती, सलवार है
पर गाँधी तेरे देश मै
बजीर, बलात्कार है ।
युवा होकर 18 का,
बहुत ही शर्मसार है
कि कही कोई कह न दे
ये तेरी चुनी सरकार है ।
देख रहा उपर से बापू
बोला ओह, धिक्कार है
मेरा नाती भी बेचारा
बी0 एड0 बेरोजगार है ।..........
मौक़े का इंतजार है
रोज दिए जलाले भाई
जब घी में भ्रस्टाचार है।
खादी सफेद रहनुमा की
सफेद कुर्ती, सलवार है
पर गाँधी तेरे देश मै
बजीर, बलात्कार है ।
युवा होकर 18 का,
बहुत ही शर्मसार है
कि कही कोई कह न दे
ये तेरी चुनी सरकार है ।
देख रहा उपर से बापू
बोला ओह, धिक्कार है
मेरा नाती भी बेचारा
बी0 एड0 बेरोजगार है ।..........