आसमां को आँखें दिखा रही है,
एक पगली ख़ुदाया को डरा रही है ,
उसने कहा है बुनियाद हिला देगी
वो मौह्ब्ब्तों से बम बना रही है ...
दावा उल्फत का, शैतान मिजाजी
परिंदे सी है , दिल मै घर लगा रही है
मेरी औकात क्या, प्यार ना हो मुझे
वो दीवानी अब दिल बिछा रही है।
....................रोहित
एक पगली ख़ुदाया को डरा रही है ,
उसने कहा है बुनियाद हिला देगी
वो मौह्ब्ब्तों से बम बना रही है ...
दावा उल्फत का, शैतान मिजाजी
परिंदे सी है , दिल मै घर लगा रही है
मेरी औकात क्या, प्यार ना हो मुझे
वो दीवानी अब दिल बिछा रही है।
....................रोहित
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