शहर दुखी है चुप है
शहर दुःख है
उसकी प्यारी नदी सूख रही है
शहर का दुःख है
इस बार नेताजी को
शरीफों ने बड़ी चुनोती दी है
शहर का दुःख है
बाप ने बेटी बचपने मै ब्याह दी
की बेटा बोर्डिंग में अच्छे से पढ़े
शहर का दुःख है
की मस्जिद की आवाज़
खुदा तक पहुच नही पा रही है
शहर का दुःख है
फिर एक प्यारी सी बच्ची
बड़ी होने लगी है
शहर का दुःख है
गुंडे खुले आम टोपियाँ पहन
सडको पर भी आने लगे
शहर का दुःख है
दूर गाँव में बिजली तो नही है
पर पेप्सी- कोक ठंडा बिक जा रहा है
शहर का दुःख है
कही जातियां ईमान हो रही है
कही धरम के मै है
शहर का दुःख है
शहर दुःख है
उसकी प्यारी नदी सूख रही है
शहर का दुःख है
इस बार नेताजी को
शरीफों ने बड़ी चुनोती दी है
शहर का दुःख है
बाप ने बेटी बचपने मै ब्याह दी
की बेटा बोर्डिंग में अच्छे से पढ़े
शहर का दुःख है
की मस्जिद की आवाज़
खुदा तक पहुच नही पा रही है
शहर का दुःख है
फिर एक प्यारी सी बच्ची
बड़ी होने लगी है
शहर का दुःख है
गुंडे खुले आम टोपियाँ पहन
सडको पर भी आने लगे
शहर का दुःख है
दूर गाँव में बिजली तो नही है
पर पेप्सी- कोक ठंडा बिक जा रहा है
शहर का दुःख है
कही जातियां ईमान हो रही है
कही धरम के मै है
शहर का दुःख है
के ने
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें