"प्रेम" क़ुदरत की जिद है ......... पंडितो, मौलवियों की नफरत से बहुत ताकतवर ..... जाति, सीमाओं में बटे इंसानों के झूठे, दिखावटी शान, ईमान और धर्मो से बहुत ऊपर, ...."कुदरत का धर्म है प्रेम"....... मानवता का ही नहीं बल्कि प्राणीमात्र का सर्वोत्तम आनंद और अंतिम मंजिल भी है ......... कुदरत हमें आजादी का अधिकार देती है, और प्रेम का सन्देश ........जातियों, धर्मो, सीमाओं की धज्जिया उड़ाने वाले क़ुदरत के इस पवित्र नूँर को लाखों सलाम।।।।।।।।
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